लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भाजपा और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर हमला बोला है. शुक्रवार को ‘संविधान की रक्षा’ विषय पर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा और नीतीश कुमार ने बिहार को ‘ज्ञान की भूमि’ से ‘अपराध की राजधानी’ में बदल दिया है.
राजगीर में आयोजित सम्मेलन के दौरान बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रशासन से उनकी मांग के बाद केंद्र सरकार जाति जनगणना के लिए सहमत हो गई है. विपक्ष के नेता ने कहा कि जनगणना पूरी होने के बाद कांग्रेस पार्टी उचित कदम उठाएगी.
कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि जाति जनगणना से देश में पिछड़े वर्गों, अत्यंत पिछड़े वर्गों और दलित समुदायों के व्यक्तियों की सही संख्या का पता चलेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनगणना यह निर्धारित करने में मदद करेगी कि क्या इन समुदायों का नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व है.
‘90% दलित, ओबीसी उच्च पदों पर नहीं हैं’: गांधी
राहुल गांधी ने दावा किया कि दलितों, ओबीसी की 90% आबादी उच्च पदों पर नहीं है. उन्होंने बिहार में रोजगार के अवसरों की भारी कमी पर भी प्रकाश डाला, जिसके कारण कई लोग दूसरे राज्यों में नौकरी की तलाश करने को मजबूर हैं.
कांग्रेस नेता ने टिप्पणी की कि 2004 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही उन्होंने ऋण माफी में पक्षपात देखा है, जहां बड़े व्यवसायियों को नौकरी नहीं मिलती है. बड़े उद्योगपतियों को बड़े पैमाने पर कर्ज माफी दी जाती है, जबकि गरीब दलितों, आदिवासियों और पिछड़े समुदायों के कर्ज की जांच की जाती है और शायद ही कभी माफ किया जाता है.
बिहार ने पूरी दुनिया को राह दिखाई
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि राजगीर को कभी सत्य, अहिंसा और न्याय की भूमि के रूप में जाना जाता था. उन्होंने कहा, आज इसे बिहार की अपराध राजधानी के रूप में जाना जाता है. राज्य की स्थिति काफी खराब हो गई है.
उन्होंने कहा कि आधुनिक चर्चाओं में अक्सर जापान और कोरिया को उजागर किया जाता है, फिर भी उनके विचारों का दार्शनिक आधार बिहार में ही पाया जा सकता है. राहुल गांधी ने कहा, यह बिहार की सच्ची विरासत है- सत्य और न्याय की विरासत जिसने कभी दुनिया को प्रभावित किया। दुख की बात है कि मौजूदा सरकार इसे भूल गई है.
उन्होंने यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि बिहार ने कभी न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को राह दिखाई थी. हालांकि, आज रोजगार की कमी के कारण यहां के लोग दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं.